दोस्तों जैसे-जैसे ई-कॉमर्स कंपनीयों में प्रतिस्पर्धा का माहौल है, वैसे ही डिजीटल पेमेंट्स कंपनीयों के बीच भी टक्कर का मुकाबला हो रहा है। अभी हाल ही में देखने में आया है, कि पेमेंट्स एंटिटीज के बीच की प्रतिस्पर्धा भी काफी नुकसानदायक साबित हो रही है। बीते वित्त वर्ष 2017-18 में Flipkart के पेमेंट्स प्लैटफॉर्म PhonePe और Amazon के Amazon Pay का घाटा जोड़कर करीब 1,135 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
1 वर्ष में 5 गुना हुआ घाटा
जहां PhonePe का घाटा एक वर्ष पहले के 129 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब-करीब 800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, वहीं Amazon Pay का एक वर्ष पहले के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में दोगुना होकर 335 करोड़ रुपये हो गया। यह जानकारी रिजस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास जमा दस्तावेजों से मिली है।
ये हैं नुकसान के कारण
इससे पता चलता है कि ऐमजॉन पे और फोनपे के कुल खर्च में बड़ी वृद्धि हुई है क्योंकि दोनों ने डिस्काउंट्स और कैशबैक्स के मोर्चे पर पेटीएम को टक्कर देने की दिशा में कदम बढ़ाया। वहीं, आरबीआई ने इनके लिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) को अनिवार्य बना दिया।इससे चालू वित्त वर्ष में ई-वॉलिट प्लेयर्स की कारोबारी लागत में और बढ़ोतरी हो गई। केवाइसी कंप्लांयस से खर्च में वृद्धि का नुकसान अगले वर्ष की फाइलिंग में सामने आएगा।
Paytm से मिल रही कड़ी चुनौती
जहां फोनपे का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्लैटफॉर्म बहुत तगड़ा है, वहीं Paytm पेमेंट्स इंडस्ट्री की प्रतिस्पर्धियों को चुनौतियां लगातार बढ़ा रही है। दूसरी ओर, ऐमजॉन पे भी अपना E-Wallet बिजनस बढ़ाने में जुटा है। इस कोशिश में उसने पेमेंट्स नेटवर्क पर थर्ड पार्टी मर्चेंट्स को ला रहा है।
Festive Sale में कीं तोहफों की भरमार
इस वर्ष की फेस्टिव सेल्स में Flipkart और Amazon ने अपने-अपने पेमेंट्स चैनल्स से पेमेंट करने के लिए ग्राहकों को कैशबैक और डिस्काउंट्स के तोहफे दिए। इस फेस्टिव सेल्स के दौरान PhonePe विज्ञापनों पर 600 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है। कहा जा रहा है कि ऐमजॉन पे भी इस मद में 265 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
खर्च बढ़ा, रेवेन्यू में भी जबर्दस्त इजाफा
वित्त वर्ष 2017-18 में PhonePe का कुल खर्च बढ़कर 727 करोड़ रुपये हो गया जो उसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में महज 185 करोड़ रुपये था। दूसरी ओर, वित्त वर्ष 2017-18 में उसका रेवेन्यू भी बढ़कर करीब-करीब 390 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो एक वर्ष पहले तक महज 4 करोड़ रुपये था। इस दौरान PhonePe का रेवेन्यू भी 3 करोड़ रुपये से बढ़कर 43 करोड़ रुपये हो गया।
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